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दुनिया की सबसे गहरी, सबसे लंबी और सबसे बड़ी गुफा तक फोटो लेने पहुंचे दुनिया के एकमात्र फोटोग्राफर को ​​​​​​​पढ़िए https://ift.tt/2QYWpD9

मैं रॉबी शॉन हूं। 1999 में पेंटर बनने का सपना मुझे शेफील्ड (इंग्लैंड) के फाइन आर्ट्स कॉलेज ले गया। यहां मैंने केविंग टीम ज्वाइन की। पहले मुझे लगता था कि गुफा के अंधेरों में किसी को खुशी कैसे मिल सकती है। लेकिन, जब पहली बार पहुंचा तो अहसास हुआ कि मुझे पेंटिंग नहीं, गुफाओं की फोटोग्राफी करनी चाहिए। यहीं से मेरी यात्रा शुरू हुई।

उस वक्त न तो डिजिटल कैमरा थे और न ही गुफाओं की फोटोग्राफी का कोई बाजार। यह महंगा शौक भी था, क्योंकि एक गुफा की फोटोग्राफी में 36-36 रील खत्म हो जाते थे और अंधेरे की वजह से एक भी फोटो नहीं बनती थी। इस काम में दूसरी चुनौती यह थी कि गहरी गुफाओं में जाने और निकलने के लिए रस्सी के सहारे चढ़ना-उतरना आना चाहिए।

इन दोनों समस्याओं को सुलझाने के लिए मैंने कंस्ट्रक्शन इंडस्ट्री में रोप-एक्सेस का काम चुना। इसमें गगनचुंबी इमारतों में रस्सी के सहारे लटककर भारी-भरकम ड्रिलिंग मशीन से घंटों काम करना पड़ता है। 12 साल तक काम और वीकेंड पर गुफाओं की फोटोग्राफी का सिलसिला चला।

इस दौरान वीकेंड पर गुफाओं की फोटोग्राफी करता। इस काम में पैसे भी अच्छे मिलते थे। इसलिए हर लिहाज से यह काम मुझे सूट करता था। यह काम इतना चुनौती भरा है कि कई बार जान तक जाते-जाते बची।

फोटो रूस के कॉकेशियन माउंटेन में स्थित दुनिया की सबसे गहरी गुफा की है।

दो साल पहले कॉकेशियन माउंटेन की सबसे गहरी गुफा की फोटो ली

दो साल पहले रूस के कॉकेशियन माउंटेन में दुनिया की सबसे गहरी गुफा (8 हजार फीट गहरी) की फोटो लेने गया था। गुफा में जाते वक्त ऐसा लग रहा था कि जैसे माउंट एवरेस्ट पर उल्टी चढ़ाई कर रहा हूं। 12 घंटे तक हम उतरते, फिर आराम करते। 12-12 घंटे के क्रम में हम 3 दिन में नीचे पहुंचे। टीम में दो रूसी एक्सपर्ट भी थे।

हमें 16 दिन तक वहां रहना था, ताकि डॉक्यूमेंट्री बना सकें। 10वें दिन अचानक हमें लगा जैसे कोई ट्रेन आ रही हो। पता चला कि बाढ़ आ गई है। जान बचाने के लिए मेमोरी कार्ड को वॉटरप्रूफ बैग में रखा और कैमरा, लाइटिंग और अन्य उपकरण छोड़कर बाहर निकले।

अब तक की यात्रा से मैं इतना ही कह सकता हूं कि अगर आपके सपने में ताकत और काम में जुनून है, तो सफलता मिलती ही है। वर्ना अधूरे मन से किया गया काम दुख भी दे सकता है।

पहले नेशनल ज्योग्राफिक के एडिटर ने सब फोटो रिजेक्ट कर दिए, बाद में उन्होंने ही बुलाया

8 साल पत्र लिखने के बाद नेशनल ज्योग्राफिक ने बुलाया, एडिटर ने सारे फोटो रिजेक्ट कर दिए, रोना आ गया...सफलता मिली तो उसी एडिटर ने वापस बुलाया। मजदूरी करते समय नेशनल ज्योग्राफिक चैनल (एनजीसी) में काम करने के लिए हजारों मेल लिखे। 8 साल बाद वॉशिंगटन डीसी आने का बुलावा आया।

एडिटर ने काम की सराहना की और कहा कि और मेहनत करो। नया पोर्टफोलियो बनाओ। एक साल बाद नए पोर्टफोलियो के साथ पहुंचा तो आंखों में आंसू भरकर बाहर निकला क्योंकि हर फोटो पर निगेटिव फीडबैक मिला।

खुशकिस्मती से 2008 में जर्मनी की एक मैग्जीन में मुझे काम मिला, जहां मैंने 4 साल तक दुनिया में घूमते हुए 3 असाइनमेंट किए। इस बीच 2012 में नेशनल ज्योग्राफिक के उसी एडिटर की तरफ से मुझे कॉल आया और तब से अब तक मैं दुनिया की कई दुर्गम गुफाओं की फोटोग्राफी कर चुका हूं।



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यह तस्वीर मेघालय में स्थित जयंती गुफा की है। यह भारत की सबसे गहरी गुफा है, जिसकी तलहटी में दुनिया की सबसे बड़ी केव फिश पाई जाती हैं।


from Dainik Bhaskar /national/news/read-the-worlds-only-deepest-tallest-and-largest-cave-to-reach-the-worlds-only-photographer-127693911.html
दुनिया की सबसे गहरी, सबसे लंबी और सबसे बड़ी गुफा तक फोटो लेने पहुंचे दुनिया के एकमात्र फोटोग्राफर को ​​​​​​​पढ़िए https://ift.tt/2QYWpD9 Reviewed by Ranjit Updates on September 07, 2020 Rating: 5

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