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कटने वाले बूढ़े पेड़ों को रिलोकेट करते हैं उदय, अब तक 2200 पेड़ बचा चुके हैं, पेड़ों को बचाने के जुनून ने खड़ी की संस्था https://ift.tt/337XfU5

(मनीषा भल्ला). यह उदय कृष्ण पेड्डीरेड्डी का पेड़ों से इश्क है कि वह पेड़ों को बिना काटे, कत्ल किए एक जगह से दूसरी जगह पर लगा देते हैं। पेड़ कितना ही बड़ा या पुराना क्यों न हो। वट फाउंडेशन के तहत पेड्डीरेड्डी ने वर्ष 2010 में यह काम शुरू किया था और आज तक वह करीब 2200 तक पेड़ों को बचा चुके हैं।

भास्कर से बातचीत में उदय कृष्ण पेड्डीरेड्डी बताते हैं, ‘मैं एक कॉन्ट्रेक्टर हूं, 2010 में हैदराबाद में एक फुटओवर ब्रिज बना रहा था, जिसमें 16 पेड़ काटे जाने जरूरी थे। मैंने तय कर लिया था कि पेड़ नहीं काटूंगा। मैंने एक प्रयोग किया कि जेसीबी की मदद से बड़े-बड़े 20-20 साल पुराने पेड़ों को एक जगह से दूसरी जगह रीलोकेट किया, इन 16 में से 13 पेड़ बच गए थे, वहीं से पेड़ रिलोकेट करने का सिलसिला शुरू हुआ।’

अब वट को पेड़ रिलोकेट करने के लिए दूसरे राज्यों से भी फोन आने लगे हैं।

पेड्डीरेड्डी के अनुसार, उनकी संस्था केवल सरकारी प्रोजेक्ट्स के तहत आने वाले पेड़ों को ही बचाती है। वह बताते हैं कि सरकार बिल्कुल भी पेड़ बचाना नहीं चाहती है। सरकारी प्रोजेक्ट्स में आने वाले पेड़ों को बचाने के लिए वट (संस्था) तीन बार अदालत भी जा चुकी है। अब वट को पेड़ रिलोकेट करने के लिए दूसरे राज्यों से भी फोन आने लगे हैं।



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4 सितंबर को गोवा के अंबरोली में गिरे 100 साल पुराने बरगद को भी उदय की संस्था ने रिलोकेट किया। इसके लिए विदेशी नागरिकों ने क्राउड फंडिंग की।


from Dainik Bhaskar https://ift.tt/2R4IPOA
कटने वाले बूढ़े पेड़ों को रिलोकेट करते हैं उदय, अब तक 2200 पेड़ बचा चुके हैं, पेड़ों को बचाने के जुनून ने खड़ी की संस्था https://ift.tt/337XfU5 Reviewed by Ranjit Updates on September 07, 2020 Rating: 5

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