Top Ad unit 728 × 90

Breaking News

random

जगदीश के पूर्वजों ने राजा हरिश्चंद्र को खरीद कर पाई थी डोम राजा की पदवी, मां ने ही अपने बेटे जगदीश को मुखाग्नि के लिए ज्योति दी https://ift.tt/31r80Ry

काशी के डोम राजा जगदीश चौधरी का मंगलवार को लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया। उनका अंतिम संस्कार मणिकर्णिका घाट पर हुआ। मुखाग्नि उनके बेटे ओम ने दी। 45 साल के जगदीश डोम राजा परिवार से थे, जिसका संबंध सदियों से काशी और मणिकर्णिका घाट से जुड़ा रहा है। जगदीश के पूर्वज कालू डोम ने ही राजा हरिश्चंद्र को खरीद कर डोम राजा की पदवी पाई थी।

जगदीश 2019 के लोकसभा चुनाव में प्रधानमंत्री के नामांकन में प्रस्तावक भी बने थे। उनके परिवार को काशी के राजा के समान ही सम्मान प्राप्त था। समाज के आखिरी तबके का प्रतिनिधित्व करने वाले डोम राजा परिवार ने महंत अवैद्यनाथ को भोजन करवाना स्वीकार किया था।

1977 में गोरक्ष पीठाधीश महंत अवैद्यनाथ ने दक्षिण भारत के मीनाक्षीपुरम मंदिर में दलितों के प्रवेश पर रोक के विरोध में आंदोलन शुरू किया तो डोम राजा से जुड़ने के लिए कहा। जवाब में डोम राजा ने कहा कि हम तब मानेंगे, जब संत आकर हमारे घर भोजन करेंगे। अवैद्यनाथ ने शर्त मानी और तय समय पर साधु-संतों के साथ पहुंचे और खाना खाया।

इस घटना के बाद डोम राजा परिवार का सम्मान काशी में और बढ़ गया। श्रीसंकटमोचन मंदिर के महंत डॉ. विश्वम्भरनाथ मिश्र ने कहा कि उनके जाने का दुःख सबको है, लेकिन उन्हें मोक्ष मिलना तय है, क्योंकि वे स्वयं मोक्ष के रास्ते के द्वारपाल थे।

जगदीश बचपन से ही अपने कार्य को लेकर आनंदित रहे

वरिष्ठ पत्रकार अमिताभ भट्टाचार्य कहते हैं कि जगदीश बचपन से ही अपने कार्य को लेकर आनंदित रहे। मुझे भरोसा है उनकी अगली पीढ़ी भी उनकी थाती को संभाल कर रखेगी। स्वागतम काशी फाउंडेशन के संयोजक अभिषेक शर्मा बताते हैं कि घाट पर दाह संस्कार के बाद जो लकड़ी बचती, उसी से परिवार का भोजन बनता था।

पान उनकी कमजोरी था

जगदीश इसे प्रसाद समझ कर ग्रहण करते थे। शर्मा बताते हैं कि पान उनकी कमजोरी था। नामांकन के वक्त भी पीएम के बगल में खड़े जगदीशजी के मुंह में पान ही था। काशी के लोग उन्हें हमेशा याद करेंगे।

घाट पर मां की बारी थी, संयोग ऐसा कि बेटे का शव आ गया

मणिकर्णिका घाट पर डोम राजा परिवार से ही ज्योति लेकर शवों को मुखाग्नि देने की परंपरा सदियों से है। परिवार का एक सदस्य बारी-बारी हर दिन घाट पर जाकर आने वाले शवों के लिए ज्योति देता है। इसी ज्योति से मुखाग्नि दी जाती है। मंगलवार को संयोग ही था कि घाट पर परिवार की ओर से शवों के लिए ज्योति देने की बारी (पारी) डोम राजा की मां रानी सारंगा देवी की थी। भारी मन से उन्होंने बेटे जगदीश के लिए ज्योति दी। जगदीश के परिवार में मां के अलावा पत्नी, दो बेटियां और बेटा ओम है।



आज की ताज़ा ख़बरें पढ़ने के लिए दैनिक भास्कर ऍप डाउनलोड करें
पान जगदीश जी (मध्य में) की कमजोरी था। नामांकन के वक्त भी पीएम के बगल में खड़े जगदीशजी के मुंह में पान ही था।


from Dainik Bhaskar /national/news/dom-raja-of-varanasi-jagdish-chaudhary-passes-away-127653682.html
जगदीश के पूर्वजों ने राजा हरिश्चंद्र को खरीद कर पाई थी डोम राजा की पदवी, मां ने ही अपने बेटे जगदीश को मुखाग्नि के लिए ज्योति दी https://ift.tt/31r80Ry Reviewed by Ranjit Updates on August 26, 2020 Rating: 5

No comments:

Please don't tag any Spam link in comment box

Contact Form

Name

Email *

Message *

Powered by Blogger.

Enter your email address:

Delivered by FeedBurner